बिटिया को जन्मोत्सव पर भेंट दी अंग्रेजी ग्रामर की किताब….बेटियों को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने की महती आवश्यकता- रेवती नंदन पटेल
ब्लाक रिपोर्टर सक्ती- उदय मधुकर
सक्ती : बेटी कहने मात्र से मन में खुशियों की तरंगें उठने लगती है। मन आनंद से भरे एक अलग ही दुनिया में विचरण करने लगता है। इसीलिए बेटियां संगीत भी हैं और संस्कृति भी। संस्कृति शब्द को बेटियों से जोड़कर देखने के दृष्टिकोण पर गौर फरमाएं तो हमें पता चलता है कि हमारी समृद्ध सामाजिक संस्कृति की शुरुआत हमारी नन्ही बेटियों के नन्हें क़दमों की चहलकदमी से शुरू होता है। संस्कारित व शिक्षित हमारी बेटियां अपने सूझ-बूझ तथा अपने अच्छे कार्यों से समाज में एक आदर्श वातावरण को निर्मित करती हैं। जो कि समाज विकास के लिए आवश्यक भी है। बेटियों को वर्तमान समय में बेटों की तरह सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने की महती आवश्यकता है। उक्त बातें ओबीसी महासभा सक्ती जिला के मीडिया प्रभारी रेवती नंदन पटेल ने केरीबंधा में कुंजबिहारी साहू व श्रीमती मांडवी साहू के घर आयोजित बिटिया दिवस कार्यक्रम में कहीं।
गोरखापाली सरपौच व राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय आयोग सक्ती जिला महिला सेल के जिला उपाध्यक्ष श्रीमती अनिता पटेल ने कहा समाज में व्यवहारिक रूप से बेटियों को मिले संवैधानिक हक अधिकारों के प्रति जागरूक किए जाने की आवश्यकता है। बेटियों को भी बेटों के समान जीवन के हर क्षेत्र में खुली आजादी दिए जाने की आवश्यकता है। सामाजिक कार्यकर्ता उदय मधुकर ने कहा पुरूष प्रधान भारतीय समाज में बेटियों की सामाजिक स्थिति आज क्या है? यह चिंतनीय है। इस संबंध में यही कहना चाहूंगा कि आज भी समाज में बेटियों को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने समाज में लोगों को सच्चे मन से प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। कल 22 सितंबर को हम सबने बेटी दिवस मनाया है इसकी सार्थकता भी तभी सिद्ध होगी जब समाज में लोग इसके लिए संकल्पित होंगे। पत्रकार योम प्रकाश लहरे ने कहा कि आज भी पुरूष प्रधान भारतीय समाज में बेटियों के प्रति अपनी संकुचित मानसिकता का पूरी तरह से परित्याग नहीं कर पाया है।
वैसे तो हमारा संविधान कानूनी तौर पर जीवन के हर क्षेत्र में बेटियों को बेटों के समान हक अधिकार प्रदान किए हुए है। लेकिन यह विडंबना ही कही जाएगी कि समाज में लोग व्यवहारिक रूप से बेटियों के प्रति अपनी सोच संवैधानिक दृष्टिकोण से विकसित करने की आवश्यकता है। इन पलों में सपनाईपाली सरपंच श्रीमती अरूणा बाई पटेल, युगल किशोर पटेल, डोरी लाल पटेल, ओमप्रकाश सिदार, सूर्यदेव सिदार सहित परिजन व ग्रामवासी मौजूद रहे।